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दायरे


मेरा एक घर है इस महानगर में,
3 कमरे, रसोई घर और एक बड़ा सा हाल,
हर कमरे से जुड़ी एक बालकनी,
जहां से सारा शहर दिखता है,
चाय की चुस्की लेते हुये मैं जब
समंदर को देखता हूँ तो यूं लगता है,
यह लहरें मेरी ऊंचाई तक आने को मचल रही हैं।
बहुत सारे लोगों को जनता हूँ यहाँ
और वो सब यह जानते हैं,
मेरा घर उनके घर से बड़ा है बहुत बड़ा......
साल के किसी कोने में छुपी हुई छुट्टियाँ चुरा,
माँ को ले कर, माँ के घर जाता हूँ
शायद अपने पुराने घर।
घर बड़ा ही छोटा सा है,
बुढ़ापे की लकीरें उसके चेहरे पर साफ-2
नज़र आती हैं,
रहता तो वहाँ कोई नहीं है अब,
मगर माँ कहती है यादें बसती हैं कुछ वहाँ,
जिन्हे सजोने वह हर साल आती है,
मेरा अपना एक कमरा भी है
जिसमे कोई खिड़की नहीं है कोई,
बस एक रोशनदान है।
जहां से बाहर कुछ भी नहीं दिखता है,
मगर सुबह सबेरे सूरज की किरण
मेरे बिस्तर तक आती है।
माँ बड़े चाव से बताती है बचपन में
मैं इन किरणों को मुट्ठी मे बांध लेता था....
डर के, कहीं मुझे छोड़ ना जाएँ यह.....
एक आँगन भी है इस घर में,
पास के पीपल के पत्ते यहाँ घर कर लेते हैं,
हवा धूल उड़ती है दरवाजे पर,
जिससे माँ को मिट्टी की खुशबू आती है,
और मुझे छिंक!
छुट्टी के सात दिनों में से, दो आने जाने में,
दो घर की सफाई में, बाक़ी बचे तीन घर के मरम्मत में!
फिर ......
फिर मैं लौट आता हूँ, महानगर के अपने उसी बड़े से घर में
दशा अजीब सी होती है मेरी, वापस आ,
मेरे बड़े से इस घर का दायरे सिमटे-2 से नज़र आते हैं,
यह बड़ा सा घर हर बार पिछली बार से कुछ छोटा दिखता है।
माँ तो कुछ नहीं बोलती, पर उसकी आँखों में कुछ ऐसा सा ही दिखता है।
हर साल कुछ ऐसा ही होता है....
अपने गाँव के छोटे से घर वापस आया हूँ माँ के साथ,
हर साल की तरह इस साल भी।
यह छोटा सा घर पहले से कुछ बड़ा सा दिखने लगा है।
हर बार की तरह।
डरता हूँ अब महानगर के उस बड़े से घर लौटने से,
सोचता हूँ लौट कहीं दम ही न घूट न जाए मेरा! 

टिप्पणियाँ

Anuradha ने कहा…
bahut achi h..:)

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  यूं तो साल दर साल, महीने दर महीने इसे पलट दिया जाता है, मगर कभी- वक्त ठहर सा जाता है, मानो calendar Freez कर दिया गया हो. ऐसा ही कुछ हुआ था हम तुम अपने पराए सब के सब रुक गए थे.  देश रुक गया था। कितने दिन से प्लानिग कर रहे थे हम, एक महीने पहले ही ले आया था वो pregnancy kit उसी दिन तो पता चला था कि हम अब मां बाप बनने वाले हैं। मैं तुरन्त घर phone कर बताने वाला था जब बीबी ने यह कह रोक दिया कि एक बार श्योर हो लेते हैं, तब बताना, कहीं false positive हुआ तो मज़ाक बन जाएगे। रुक गया, कौन जानता था कि बस कुछ देर और यह देश भी रुकने वाला है। शाम होते ही मोदी जी की  आवाज़ ने अफरा तफरी मचा दी Lockdown इस शब्द से रूबरू हुआ था , मैं भी और अपना देश भी। कौन जानता था कि आने वाले दिन कितने मुश्किल होने वाले हैं। राशन की दुकान पर सैकड़ो लोग खडे थे। बहुत कुछ लाना था, मगर बस 5 Kg चावल ही हाथ लगा। मायूस सा घर लौटा था।        7 दिन हो गए थे, राशन की दुकान कभी खुलती तो कभी बन्द ।  4-5दिन बितते बीतते दुध मिलाने लगा था। सातवें दिन जब दूसरा test भी Positive आया तो घर में बता दिया था कि अब हम दो से तीन हो रहे हैं

बस यूं ही !

1) कभी यहाँ कभी वहाँ, कभी इधर कभी उधर, हवा के झोंकों के साथ, सूखे पत्ते की मानिंद, काटी थी डोर मेरी साँसों की, अपनी दांतों से, किसी ने एक रोज!   2) सिगरेट जला, अपने होठों से लगाया ही था, कि उस पे रेंगती चींटी से बोशा मिला,ज़ुदा हो ज़मीन पर जा गिरी सिगरेट, कहीं तुम भी उस रोज कोई चींटी तो नहीं ले आए थे अपने अधरों पे, जो..........   3) नमी है हवा में, दीवारों में है सीलन, धूप कमरे तक पहुचती नहीं … कितना भी सुखाओ, खमबख्त फंफूंद लग ही जाती है, यादों में!

बूढ़ा बस स्टैंड

लड़ाई हुई थी अपनी आँखों की , पहली मुलाक़ात पर , वह बूढ़ा सा बस स्टैंड , मुस्कुराया था देख हमें , जाने कितनी बार मिले थे हम वहाँ , जाने कितने मिले होंगे वहाँ हम जैसे , वह शब्दों की पहली जिरह , या अपने लबों की पहली लड़ाई , सब देखा था उसने , सब सुना था , चुपचाप , खामोशी से , बोला कुछ नहीं। कहा नहीं किसी से , कभी नहीं। कितनी बार तुम्हारे इंतज़ार में , बैठा घंटों , जब तुमने आते-2 देर कर दी। जब कभी नाराज़ हो मुझे छोड़ चली गयी तुम , कई पहर , उंगली थामे उसकी , गोद में बैठा रहा उसके। उसके कंधे पर सर रख के। याद है वहीं कहीं गुमा दिया था तुमने दिल मेरा , हंसा था मेरी बेबसी पर वह , अब वह बूढ़ा स्टैंड वहाँ नहीं रहता , कोई fly over गुजरता है वहाँ से देखा था, जब आया था तुम्हारे शहर पिछली बार। कहीं चला गया होगा वह जगह छोड़ , उस बदलाव के उस दौर में , जब सब बदले थे , मैं , तुम और हमारी दुनियाँ ! अब जो सलामत है वह बस यादें हैं , और कुछ मुट्ठी गुजरा हुआ कल , याद आता है वह दिन, जब तुम्हारा दिल रखने को तुम्हारे नए जूतों की तारीफ की थ