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सितंबर, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

साहिल और समंदर

साहिल अब भी वहीं खड़ा मुस्कुरा रहा था, जब उतावली सी उस लहर ने साहिल को भिगाया था. साहिल खामोश... लहर पलटी और गुस्से से साहिल को एक और टक्कर मारा.. और खुद ही साहिल के पत्थरों में उलझ कर रह गई.. मानो साहिल की बांहों में बिखर सी गई हो .. "आखिर तुम चाहते क्या हो?"साहिल की बाँहों से सरकती लहर ने पूछा.. प्रत्योतर ख़ामोशी... "जब मैं दूर होती तो तुम पर प्यार सा आता है, पास आती हूँ तो नफरत सी होती है तुमसे.. क्यों खिची चली आती हूँ तुम्हारी ओर मैं... क्यों ? " कुछ कहना चाहता था साहिल, लब खोले भी.. पर हमेशा की तरह उसकी आवाज़ लहरों के शोर में कहीं गुम हो कर रह गई.. ये समंदर की लहरे कभी चुप हो तब तो साहिल की बात सुने.. उदास सी लहर वापस जा रही थी  ...सोचती .. कितना भी भागे ,उसे वापस आना ही था .. साहिल को चूमे बिना भी नहीं रहा जाता उसमे ... साहिल की बाहों मे बिखर .उसे पूर्णता  का एहसास होता है ...   और साथ ही साथ अपनी लघुता का भी... इधर.. साहिल एक तक लहर के वापसी का इंतज़ार करने लगा.. दोनों ही जाने थे, एक दुसरे के बिना वो अधूरे हैं.. अस

जलन

आखिर मेरी खता क्या है? जब भी सूखता हूँ,  गीला कर जाते हो! तनता हूँ और तुम गिराने आ जाते हो.  मेरी हस्ती को मिटने की कोशिश कर तुम क्या पाते हो? उस रोज उकता कर साहिल ने समंदर से पूछा ... समंदर एक कुटिल मुस्कान मुस्काया.. एक लहर से साहिल के कन्धों को थप-थपाया बोला... मैं अनन्त , अथाह और अपराजेय हूँ.... पर तुमसे जलता हूँ... क्योंकि तुम वहां से शुरू होते हो.. जहाँ मैं ख़तम होता हूँ..... 

फिंगर प्रिंट्स

रोज भागते भागते उसी झाड़ी तक जा रुक जाता. पिछली कुछ सर्दियाँ और एक हसीं चेहरा उन्ही झाड़ियों में कहीं गुम हो कर रह गए थे............ उन झाड़ियों को वो यूँ देखता मानो उसे यकीन था ... कि गुजारी हुई सर्दियाँ और गुमशुदा सा वो चेहरा अचानक हीं झाड़ियों से बाहर आ जायेंगे... उसकी धड़कने जिंदा , ऑंखें खुली थीं.. कदम दर कदम बढ़ता चला जा रहा था... पर उसका ज़ज्बात सो गया था... मुर्दा सांसें, कुछ बीते पल औरकुछ सूखे गुलाबों की माला पिरोये था, लुटा कर, सब गवां कर आँखों में सपने संजोये था... शांत मगर उदासीन मुस्कान, लिए एक निरीह हंसी, घोले थकान, उस रोज थाने में रिपोर्ट लिखवाने गया था आँखों से कोई उसके सपने चुरा ले गया था.. चोर नहीं पकड़ा गया, पर जाते जाते अपनी पहचान बता गया.. लोग कहते है.. उसकी यादों में, 'तुम्हारे' फिंगर प्रिंट्स मिले हैं.....